Wednesday, June 22, 2005

भारत-विभाजन की कहानी,अंधेर नगरी के चौपट राजा की जु़बानी

भारत-विभाजन का मसला इसके पहले की अंधेर-नगरी के चौपट राजा के कोर्ट में चला जाए(आप में से कुछ कहेंगे की चला ही गया है) बेहतर हो कि हम इतिहासकारों की बात सुनें।




जंगल राज

बिहार हमारे प्‍यारे गुलिश्‍तां में गलती से उग आया एकमात्र वनैला पेड़ नहीं है।

2 Comments:

Blogger अनुनाद सिंह said...

किस ब्रान्ड के अथवा किस स्कूल के इतिहासकारों की बात सुने ?

2:04 PM  
Blogger मनोज said...

बंधु ! तथ्‍यों के लिए तो किसी न किसी इतिहास की किताब को पलटना ही
पड़ेगा। निष्‍कर्ष तक पहुँचने की आजादी हम सब के पास है।यह कुछ वैसा ही है
कि प्रोग्राम तो कहीं से डाउनलोड करते हैं,लेकिन कस्‍टमाईज करने का विकल्‍प
हमारे पास होता है। वैसे अगर सोर्स कोड ओपन हो तो क्‍या कहने।कम से कम
मैं आपको आश्‍वस्‍त कर सकता हूँ कि कोई भी इतिहासकार आपना सोर्स कोड
तो ओपन ही रखता है।वह इस अनुशासन की माँग है।इसलिए इतिहासकार का
कोई स्‍कूल तो हो सकता है,ब्राण्‍ड नहीं।

और अगर हम इतिहासकारों को नकार दें तो आखिर में फैसला देने के लिए
चौपट राजा तो है ही। कल्‍लु की बकरी कैसे मरी-दीवार गिरने से।दीवार कैसे गिरी- भिस्‍ती ने पानी नहीं दिया...आदि-आदि..

आशा है आगे की कहानी आप सब को पता होगा।

2:48 PM  

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